दोस्तों TOP SARKARI RESULT पर आपका स्वागत है, UPSC Syllabus में UPSC Botany Syllabus in Hindi Optional Paper Syllabus के बारे में बताने से पहले हम आपको कुछ Important Information देना चाहते है, जैसा की आप जानते है UPSC Exam (Union Public Service Commission Exam) या UPSC Civil Services Exam में आपको तीन चरणों से होकर गुजरना होता है :
- UPSC Prelims
- UPSC Main
- UPSC Personality
Eligibility for UPSC Exam qualify करने के बाद UPSC Prelims Exam / IAS Prelims या Civil Services Preliminary Examination एक Objective Type Exam जिसमे Minimum Qualifying Marks Obtain करने होते है और उसके आधार पर Final Merit List बनती है
UPSC Main Exam में हमने Total 9 Paper देने होते है जिसमे Botany Optional Paper है UPSC Main Exam में यह Paper-6 और Paper-7 होता है प्रत्येक Paper 250 Marks का होता है यानि (250 + 250 = 500 Marks).
UPSC Exam Syllabus में Paper-6 और Paper-7 में Total 25 Subject होते है, जिसमे से हमे 1 Subject अपनी इच्छा से चुनना होता है और उस Subject के आधार पर हमे Paper-6 और Paper-7 देना होता है :
Table of Contents
UPSC Optional Subject Syllabus | IAS Optional Subject Syllabus in Hindi
UPSC Exam Syllabus के 25 Optional Subject की सूची इस प्रकार है:
- UPSC Agriculture Optional Paper
- UPSC Animal Husbandry and Veterinary Science Optional Paper
- UPSC Anthropology Optional Paper
- UPSC Botany Optional Paper
- UPSC Chemistry Optional Paper
- UPSC Civil Engineering Optional Paper
- UPSC Commerce & Accountancy Optional Paper
- UPSC Economics Optional Paper
- UPSC Electrical Engineering Optional Paper
- UPSC Geography Optional Paper
- UPSC Geology Optional Paper
- UPSC History Optional Paper
- UPSC Law Optional Paper
- UPSC Management Optional Paper
- UPSC Mathematics Optional Paper
- UPSC Mechanical Engineering Optional Paper
- UPSC Medical Science Optional Paper
- UPSC Philosophy Optional Paper
- UPSC Physics Optional Paper
- UPSC Political Science & International Relations Optional Paper
- UPSC Psychology Optional Paper
- UPSC Public Administration Optional Paper
- UPSC Sociology Optional Paper
- UPSC Statistics Optional Paper
- UPSC Zoology Optional Paper
UPSC BOTANY OPTIONAL PAPER-I
सूक्ष्मजैविकी एवं पादपरोग विज्ञान :
- विषाणु, वाइरॉइड, जीवाणु, फंगाई एवं माइक्रोप्लाज्मा संरचना एवं जनन। बहुगुणन, कृषि, उदयोग, चिकित्सा तथा वायु एवं मृदा एवं जल मेँ प्रदूषण-नियंत्रण में सूक्ष्मजैविकी के अनुप्रयोग, प्रायोन एवं योन घटना। विषाणुओं, जीवाणुओं, माइक्रोप्लाज्मा, फंगाई तथा सूत्रकृमियों दवारा होने वाले प्रमुख पादपरोग, संक्रमण और फैलाव की विधियां, संक्रमण तथा रोग प्रतिरोध के आण्विक आधार। परजीविता की कार्यिकी और नियंत्रण के उपाय। कवक आविष, मॉडलन एवं रोग पूर्वानुमान, पादप संगरोध।
क्रिप्टोगेम्स:
- शैवाल, कवक, लाइकन, ब्रायोफाइट, टेरीडोफाइट-संरचना और जनन के विकासात्मक पहलू, भारत में क्रिप्टोगेम्स का वितरण और उनका परिस्थितिक एवं आर्थिक महत्व।
पुष्पोदभिद :
- अनावृत बीजी: पूर्व अनावृत बीजी की अवधारणा। अनावृतबीजी का वर्गीकरण और वितरण।साइकेडेलीज, गिंगोऐजीज, कोनीफेरेलीज और नीटेलीज के मुख्य लक्षण, संरचना व जनन साईंकेडोफिलिकेलीज, बेन्नेटिटेलीज तथा कार्डेटलीज का सामान्य वर्णन। भू वैज्ञानिकसमयमापनी, जीवश्म प्रकार एवं उनके अध्ययन की विधियां, आवृतबीजी : वर्गिकी,शारीरिकी, भ्रूण विज्ञान, परागाणुविज्ञान और जातिवृत्त, वर्गीकी सौपान, वानस्पतिक नामपद्धति के अंतर्राष्ट्रीय कूट, संख्यात्मक वर्गिकी एवं रसायन-वर्गिकी, शारीरिकी भ्रूण विज्ञान एवं परागाणु विज्ञान से साक्ष्य। आवृत बीजियों का उदगम एवं विकास, आवृत बीजियों के वर्गीकरण की विभिन्न प्रणालियों का तुलनात्मक विवरण, आवृत बीजी कुलों का अध्ययन-मैग्नोलिएसी, रैननकुलेसी, बैसीकेसी, रोजेसी, फेबेसी, यूफार्बिएसी, मालवेसी, डिप्टेरोकार्पसी, एपिएसी, एस्क््लेपिडिएसी, वर्बिनेसी, सोलैनेसी, रूबिएसी, कुकुरबिटेली, ऐस्टीरेसी, पोएसी, ओरकेसी, लिलिएसी, म्यूजेसी एवं ऑकिंडेसी। रंध्र एवं उनके प्रकार, ग्रंथीय एवं अग्रंथीय ट्राइकोम, विसंगत दवितीयक वृद्धि, सी-3 और सी-4 पौधों का शरीर, जाइलम एवं फ्लोएम विभेदन, कासठ शरीर नर और मादा युग्मकोदभिद का परिवर्धन, परागण, निषेचन। भ्रूणपोष- इसका परिवर्धन और कार्य, भ्रूण परिवर्धन के स्वरूप। बहुभ्रूणता, असंगजनन, परागाणु विज्ञान के अनुप्रयोग, पराग भंडारण एवं टेस्ट ट्यूब निषेचन सहित प्रयोगात्मक भ्रूण विज्ञान।
पादप संसाधन विकास :
- पादन ग्राम्यन एवं परिचय, कृष्ट पौधों का उदभव, उदभव संबंधी वेवीलोव के केन्द्र, खादय, चारा, रेशों, मसालों, पेय पदार्थों, खादयतेलों, औषधियों, स्वापकों, कीटनाशियों, इमारती लकड़ी, गोंद, रेजिनों तथा रंजकों के स्रोतों के रूप में पौधे, लेटेक्स, सेलुलोस, मंड और उनके उत्पाद, इत्रसाजी, भारत के संदर्भ में नुकुल वनस्पतिकी का महत्व। ऊर्जा वृक्षारोपण, वानस्पतिक उद्यान और पादपालय।
आकारजनन:
- पूर्ण शक्तता, भ्रुवणता, सममिति और विभेदन, कोशिका, ऊतक, अंग एवं जीवद्रव्यक संवर्धन। कायिक संकर और द्रव्य संकर, माइक्रोप्रोपेगेशन, सोमाक्लोनल विविधता एवं इसका अनुप्रयोग, पराग अगुणित, एम्ब्रियोरेस्क्यू विधियां एवं उनके अनुप्रयोग।
UPSC BOTANY OPTIONAL PAPER-II
कोशिका जैविकी :
- कोशिका जैविकी की प्रविधियां, प्राक्केन्द्रकी और सुकेन्द्रकी कोशिकाएं – संरचनात्मक औरपरासंचनात्मक बारीकियां, कोशिका बाहय आधात्री अथवा कोशिकाबाहय आव्यूह (कोशिका भ्िति) तथा झिल्लियों की संरचना और कार्य-कोशिका आसंजन, झिल्ली अभिगमन तथा आशयी अभिगमन, कोशिका अंगकों (हरित लवक सूत्र कणिकाएं, ईआर, डिक्टियोसोम, राइबोसोम, अंत: काय, लयनकाय, परऑक्सीसोम) की संरचना और कार्य, साइटोस्केलेटन एवं माइक्रोट्यूब्यूल्स, केन्द्रक, केन्द्रिक, केन्द्र की रंध्र सम्मिश्र, मेटिन एवं न्यूक्लियोसोम। कोशिक संकेतन और कोशिकाग्राही, संकेत परिक्रमण, समसूत्रण विभाजन,कोशिका चक्र का आणविक आधार, गुणस्ूत्रों में संख्यात्मक और संरचनात्मक विभिन््ताएंतथा उनका महत्व, क्रोमेटिन व्यवस्था एवं जीनोम संवेष्टन, पॉलिटीन गुणसूत्र, बी-गुणसूत्र- संरचना व्यवहार और महत्व।
आनुवंशिकी, आण्विक, जैविकी और विकास :
- आनुवंशिकी का विकास और जीन बनाम युग्मविकल्पी अवधारण(कूट विकल्पी), परिमाणात्मक नुवंशिकी तथा बहुकारक अपूर्ण प्रभाविता, बहुजननिक वंशागति, बहुविकल्पी सहलग्नता तथा विनियम-आण्विक मानचित्र (मानचित्र प्रकार्य की अवधारणा) सहित जीन मानचित्रण की विधियां, लिंग गुणसूत्र तथा लिंग सहलग्न वंशागति, लिंग निर्धाण और लिंग विभेदन का आण्विक आधार, उत्परिवर्तन (जैव रासायनिक और आणविक आधार) कोशिका द्रव्यी वंशागति एवं कोशिकाद्रव्यी जीन (नर बंध्यता की आनुवंशिकी सहित)।
- न्यूक्लीय अम्लों और प्रोटीनों की संरचना तथा संश्लेषण, आनुवंशिक कूट और जीन अभिव्यक्ति का नियमन, जीन नीरवता, बहुजीन कुल, जैव विकास-प्रमाण, क्रियाविधि तथा सिद्धांत, उदभव तथा विकास में आरएनए की भूमिका।
पादप प्रजनन, जैव प्रौद्योगिकी तथा जैव सांख्यिकी :
- पादप प्रजनन की विधियां-आप्रवेश, चयन तथा संकरण। (वंशावली, प्रतीप संकर, सामूहिकचयन व्यापक पद्धति) उत्परिवर्तन, बहुगुणिता, नरबंध्यता तथा संकर ओज प्रजनन। पादप प्रजनन मैं असंगजनन का उपयोग। डीएनए अनुक्रमण, आनुवंशिकी इंजीनियरी-जीन अंतरण की विधियां, पारजीनी ससय एवं जैव सुरक्षा पहलू, पादप प्रजनन मेँ आण्विक चिन्हक का विकास एवं उपयोग। उपकरण एवं तकनीक-प्रोब, दक्षिणी ब्लास्टिंग, डीएनए फिंगर प्रिंटिग, पीसीआर एवं एफआईएसएच, मानक विचलन तथा विचरण गुणांक (सीबी), सार्थकता परीक्षण, (जैड-परीक्षण, टी-परीक्षण तथा कार्ड-वर्ग परीक्षण), प्राथमिकता तथा बंटन (सामान्य, दविपदी तथा प्वासों बंटन) संबंधन तथा समाश्रयण।
शरीर क्रिया विज्ञान तथा जैव रसायनिकी:
- जल संबंध, खनिज पोषण तथा ऑयन अभिगमन, खनिज न्यूनताएं, प्रकाश संश्लेषण- प्रकाश रसायनिक अभिक्रयाएं, फोटो फोस्फोरिलेशन एवं कार्बन फिक्सेशन पाथवे, सी 3, सी 4 और कैम दिशामार्ग, फ्लोए्म परिवहन की क्रियाविधि, श्वसन (किण्वन सहित अवायुजीवीय और वायुजीवीय) – इलेक्ट्रॉन अभिगमन श्रृंखा। और ऑक्सीकरणी फोस्फोरिलेशन, फोटोश्वसन, रसोपरासरणी सिद्धांत तथा एटीपी संश्लेषण, लिपिड उपापचय, नाइट्रोजन उपापचय, किण्व, सहकिण्व, ऊर्जा अंतरण तथा ऊर्जा संरक्षण। दवितीयक उपापचयों का महत्व, प्रकाशग्रहियोँ के रूप मैं वर्णक (प्लैस्टिडियल वर्णक तथा पादप वर्णक), पादप संचलन दीप्तिकालिता तथा पुष्पन, बसंतीकरण, जीर्णन, वृद्धि पदार्थ- उनकी रासायनिक प्रकृति, कृषि बागवानी मैं उनकी भूमिका और अनुप्रयोग, वृद्धि संकेत, वृद्धिगतियां, प्रतिबल शारीरिकी (ताप, जल, लवणता, धातु), फल एवं बीज शारीरिक बीजों की प्रसुप्ति, भंडारण तथा उनका अंकुरण फल का पकना-इसका आण्विक आधार तथा मैनिपुलेशन।
पारिस्थितिकी तथा पादप भूगोल:
- परितंत्र की संकल्पना, पारिस्थितिकी कारक, समुदाय की अवधारणाएं और गतिकी पादन, अनुक्रमण जीव मंडल की अवधारणा परितंत्र, संरक्षण प्रदूषण और उसका नियंत्रण (फाइटोरेमिडिएशन सहित) पादप सूचक पर्यावरण, (संरक्षण) अधिनियम। भारत में वनों के प्ररूप – वनों का परिस्थितिक एवं आर्थिक महत्व, वनरोपण, वनोन्मूलन एवं सामाजिक वानिकी संकटापन्न्न पौधे, स्थानिकता, ॥ए000४ कोटियां, रेड डाटा बुक, जैवविविधता एवं उसका संरक्षण, संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क, जैव विविधता पर सम्मेलन, किसानों के अधिकार एवं बौद्धिक संपदा अधिकार, संपोषणीय विकास की संकल्पना, जैव-शभू रासायनिक चक्र, भूमंडलीय तापन एवं जलवायु परिवर्तन, संक्रामक जातियां, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन, भारत के पादप भूगोलीय क्षेत्र।
IAS | UPSC Previous Year Question Paper
किसी भी Government Job Exam को Crack करने के लिए उस Exam का Exam Pattern और Exam Syllabus दोनों ही जानना जरूरी है IAS | UPSC Botany Previous Year Question Paper नीचे दिए गए हैं :
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UPSC Botany Optional Paper Syllabus in pdf
UPSC Civil Services Exam Syllabus PDF
आशा करते हैं इस Blog में दी गई जानकारी आपको UPSC Civil Services Exam को Crack करने में आपके लिए सहायक सिद्ध हो ।